चलो ना बाँटते हैं…
चलो ना बाँटते हैं
पुरानी यादें…
बचपन के वो क़िस्से,
वो अल्हड़्पन के ड्रामे!
वो मम्मी का आँखें दिखाना,
वो पापा का बचा लेना….
चलो ना बाँटते हैं!
चलो ना बाँटते हैं
शरारती यादें…
साल भर वो स्कूल की मस्तियाँ,
वो टीचरों को करना तंग!
वो टिफ़िन ब्रेक की लज़ीज़ बातें,
वो घर ना जाने का मन….
चलो ना बाँटते हैं!
चलो ना बाँटते हैं
मस्ती भरी यादें…
गर्मियों में नानी के घर का वो आमरस,
वो छुपन-छुपाई के झगड़े!
वो रात को छत पर भूतों की कहानियाँ सुनना,
वो भारी भारी बैग भर के वापस घर आना….
चलो ना बाँटते हैं!
चलो ना बाँटते हैं
यारों की यादें…
कभी पानीपुरी, कभी पिक्चर तो कभी वो ट्यूशन क्लास जाना!
वो दोस्तों के साथ दिनभर स्कूटी पर घूमना,
वो घंटों, फ़ोन पर चिपके रहना,
वो भविष्य के लंबे-चौड़े प्लैन बनाना….
चलो ना बाँटते हैं!
चलो ना बाँटते हैं
प्यार मोहब्बत की यादें…
पहले प्यार के वो मसले निपटाना,
वो हर नये क्रश पर मर मिटना,
वो बहाने से देखना और देखकर शर्माना,
वो दिल टूटना, टूटकर फिर जुड़ना….
चलो ना बाँटते हैं!
चलो ना बाँटते हैं
गंभीर यादें…
डरते डरते न्यूज़पेपर में वो रिज़ल्ट छाँट मारना,
वो अपने से पहले दोस्त का रोल नंबर ढूँढना!
वो क़तारें - कभी एडमिशन तो कभी इंटरव्यू की,
वो रातों को जागना, कल की चिंता लिए….
चलो ना बाँटते हैं!
चलो ना बाँटते हैं
यादें ही यादें…
कभी अकेले बैठो तो मुस्कुरा देना,
एखाद बूँद आँखों से टपका देना,
एक बार फिर से जी लेना,
वो लंबी आहें भरना और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में फिर से लौट आना….
चलो ना बाँटते हैं!
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