झलक दिखला जा…
झलक दिखला जा….
तेरी एक झलक,
जैसे गर्मियों में बरफ़ का गोला, in रंग सात,
जैसे गरमागरम पकौड़े with चटनी in बरसात,
जैसे सर्दियों में टपरी की one sip of कटिंग चाय,
तेरी बस वो एक झलक…. क्या सितम ढाए!
तेरी एक झलक,
जैसे छोले भटूरे with प्याज़ बारिक कटा,
जैसे extra मक्खन मार आलू का पराठा,
जैसे बर्गर with डबल चीज़ पर फ़्री fries की भरमार,
तेरी बस वो एक झलक…. है एक ख़ुमार!
(घबराइए मत, weight conscious मित्रों के दिल की बात भी कहने वाली हूँ)
तेरी एक झलक,
जैसे ग्रीन टी में हनी की वो forbidden मिठास,
वो weighing scale पर वज़न कम दिखने की आस,
जैसे वो आख़री पंद्रह मिनट to end your intermittent fast,
तेरी बस वो एक झलक… मेरी यही ख्वाइश last!
तेरी एक झलक,
जैसे unlimited buffet का ऑफ़र in five star,
जैसे dinner पर मिल जाये बस open bar,
खाने के बाद बनारसी पान का चस्का,
बस तेरी एक झलक… अब और कितना मारू मस्का!
नम्रता सारडा(ड्रामा क्वीनः रीलोडेड)
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